पहले गुड़गांव अब जयपुर, फोर्टिस अस्पताल फिर विवादों में
ऐसा लगता है कि फोर्टिस अस्पतालों का विवादों से स्थाई नाता बन गया है। एक ओर जहां ये पूरा समूह आर्थिक दुश्वारियों में फंसा हुआ है वहीं इसके अलग-अलग अस्पताल विभिन्न वजहों से विवादों में फंसते जा रहे हैं। पिछले साल गुड़गांव का फोर्टिस अस्पताल एक बच्ची के डेंगू के इलाज में 16 लाख रुपये का बिल वसूल करने के चक्कर में अब तक मुकदमेबाजी में उलझा है जबकि अब जयपुर स्थित फोर्टिस अस्पताल के खिलाफ चिकित्सीय लापरवाही का मामला दर्ज किया गया है।
जयपुर की जवाहर सर्किल थाना पुलिस ने अदालत के एक निर्देश पर क्षेत्र में स्थित फोर्टिस अस्पताल के खिलाफ चिकित्सीय लापरवाही का मामला दर्ज किया है। जवाहर सर्किल पुलिस थाने के सूत्रों के अनुसार स्थानीय अदालत के निर्देश के बाद फोर्टिस अस्पताल के विरूद्व हत्या सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में गत 29 जुलाई को मामला दर्ज किया गया है। सूत्रों ने बताया कि अस्पताल में पिछले वर्ष मई में 53 वर्षीय प्रवीण तिवाडी की मौत हो गई थी।उन्होंने बताया कि इससे पूर्व अस्पताल प्रशासन ने पुलिस जांच में सहयोग नहीं किया।
दूसरी ओर फोर्टिस अस्पताल के निदेशक प्रतीम तंबोली ने बताया कि मरीज के उपचार में चिकित्सकों के दल ने हरसंभव प्रयास किया। इस मामले की जांच अब पुलिस कर रही है। हम देखेंगे कि हमें क्या करना है।
दरअसल मृतक के परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी मगर पुलिस ने कोई मामला दर्ज नहीं किया। इसके कारण उन्हें एफआईआर दर्ज कराने के लिए पिछले माह अदालत जाना पड़ा।
मृतक की बेटी कनिका तिवाडी ने बताया, ‘ दिल की बीमारी से पीड़ित मेरे पिता को अस्पताल में पिछले वर्ष जनवरी में भर्ती कराया गया था। मेरे पिता अस्पताल में चार माह तक भर्ती रहे और 21 मई को उनकी मौत हो गई। अस्पताल ने 50 लाख रुपये का बिल थमा दिया।’
उन्होंने बताया कि अस्पताल प्रशासन ने 25 लाख रूपये से ज्यादा का बिल चुकाने के बाद शव को ले जाने दिया। दूसरी ओर, अस्पताल प्रशासन के अनुसार मरीज को देखने में कोई चिकित्सीय लापरवाही नहीं की गई और मरीज को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किए गए।
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